भाषा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को एक दूसरे से बांट सकते हैं। इसके द्वारा हम किसी भी चीज या व्यक्ति को एक विशिष्टता प्रदान कर सकते हैं उन लोगों और वस्तुओं को नाम देकर। इससे एक बात याद आ गई,
क्या आप जानते हैं जिन चीजों का हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते हैं जिनको हमने होश संभालने से आज तक सिर्फ दूसरी भाषा के नाम से ही जानते हैं। क्यों सोच में पड़ गए न? जी हां आज हम आपको ऐसी ही कुछ शब्दों के बारे में बतएंगे जिनका अर्थ आप आमतौर पर नहीं जानते। ये वो शब्द हैं जो आज इतने आम हो गए हैं कि कुछ लोगों को लगता है कि ये हिंदी के ही शब्द हैं।
क्या आप जानते हैं जिन चीजों का हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते हैं जिनको हमने होश संभालने से आज तक सिर्फ दूसरी भाषा के नाम से ही जानते हैं। क्यों सोच में पड़ गए न? जी हां आज हम आपको ऐसी ही कुछ शब्दों के बारे में बतएंगे जिनका अर्थ आप आमतौर पर नहीं जानते। ये वो शब्द हैं जो आज इतने आम हो गए हैं कि कुछ लोगों को लगता है कि ये हिंदी के ही शब्द हैं।

मोबाईल
भारत में आज बहुत कम ही ऐसे घर होंगे जहां मोबाईल ना हो। शहरों में तो ये बच्चों के पास भी देख जा सकता है। आज हम घर बैठे किसी भी दूर के रिश्तेदार से बात कर पाते हैं तो वो इसी मोबाईल की वजह से संभव हुआ है। लेकिन कोई कितना भी पढ़ा लिखा हो या फिर अनपढ़ हो सभी इसको (अंग्रजी नाम) मोबाईल के नाम से जानते हैं। कोई भी ये नहीं जानता होगा कि इसका हिंदी नाम क्या है। इसका हिंदी नाम "सचल दूरभाष यंत्र" है। है ना अजीब सा नाम?
लाउडस्पीकर
आप सभी लोगों ने लाउडस्पीकर को देखा और सुना होगा। यह एक ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा आप आवाज को तेज कर सकते हैं। इसे हिंदी में ध्वनि विस्तरक यंत्र बोलते हैं। इसका मतलब है ध्वनि का विस्तार करने वाला।
टॉर्च
जब कहीं अंधेरा होता है या घर म बिजली नहीं होती तो हम सबसे पहले टॉर्च को ही ढूंढ़ते है। यह यंत्र बैटरी से चलता है। और अंधेरा होने पर यह रोशनी देता है। पुराने समय में मशाल को आग से जलाया जाता था आज के समय में इस बिजली से जलाया जाता था। हिंदी में इसे "प्रकाश दंडिका" कहते हैं।
साईकिल
आज से कुछ समय पहले जब जड़ी और स्कूटर का प्रयोग कम होता था तब साईकिल बहुत से लोगों के लिए फरारी कार जितनी अहमियत रखती थी। बड़े, बूढ़े, बच्चे सभी को आज भी साईकिल पे घूमना बड़ा पसंद है। हिंदी में इसे "द्वीचकरवाहिनी" कहा जाता है। अर्थात दो पहियों वाला वाहन।
कम्प्यूटर
आज के समय में आपको कुछ और आता हो या न आता हो लेकिन आपको कम्प्यूटर चलना आना ही चाहिए। यह एक ऐसा यंत्र है जिसके बिना आज के समय में मानव का जीवन अधूरा है। हिंदी में इसे "संगणक" कहते हैं।
टेलीविज़न
इंसान की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में फुर्सत के कुछ पलों का साथी होता है। टेलीविज़न समय बिताने के लिए बहुत ही अच्छा साधन है। इससे आप देश दुनिया की खबर रख सकते हैं वो भी घर बैठे। इसे हिंदी में "दूरदर्शन" कहते है। अर्थात: दूर का दर्शन करने वाला।