16 साल की प्रियंका तनेजा कैसे बनी बाबा की चहेती, पढ़िए हनीप्रीत की पूरी कहानी
गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा सुर्खिय़ों में है, तो वो है उसकी सबसे खास चेली हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा। बाबा की सबसे खास और अहम राजदार हनीप्रीत इस वक्त कानून की पहुंच से बाहर है। लेकिन लोग जानना चाहते हैं कि आखिर
हनीप्रीत है कौन? उसका परिवार कहां है? उसके घर में कौन-कौन हैं?

कौन है हनीप्रीत?
नाम - हनीप्रीत इंसा
असली नाम - प्रियंका तनेजा
पिता - रामननंद तनेजा
मां- आशा तनेजा
भाई - साहिल तनेजा
बहन - नीशु तनेजा
मूल निवास - फतेहाबाद, हरियाणा
दसवीं के बाद डेरे में आई थी हनीप्रीत
मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी। पहले डीएवी स्कूल फतेहाबाद से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी। डीएवी स्कूल में प्रियंका की तत्कालीन क्लास टीचर सुनीता मदान के मुताबिक वो पढ़ने में तेज नहीं थी। मगर उसे नाचने, गाने और अभिनय का बहुत शौक था। जब वह डेरे में आई तो उसी साल राम रहीम लड़कियों को आर्शीवाद देने के बहाने उनके स्कूल में आया। तभी उसकी नजर प्रियंका तनेजा पर पड़ी।
ऐसे बनी राम रहीम की हनीप्रीत
कुछ समय बाद ही राम रहीम ने प्रियंका तनेजा को अपने वश में कर लिया और फिर उसका नया नामकरण किया गया। अब प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी। धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी। ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने आने लगे। हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी। गुरमीत उस पर इतना मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया। उसकी पढ़ाई लिखाई सब डेरे में ही करवाई गई। वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए।
डेरे से जुड़ा था हनीप्रीत का परिवार
प्रियंका तनेजा का पूरा परिवार पिछले कई सालों से डेरे का अनुयायी है। डेरे में कई बड़े प्रोजेक्ट हनीप्रीत के नाम से चल रहे हैं। यही नहीं उसके भाई साहिल तनेजा को भी गुरमीत का आर्शीवाद मिला। वह डेरे में बड़े स्तर पर कारोबार करता है। हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा पहले पुरानी दिल्ली के सामने एमआरएफ टायर्स का शोरूम चलाते थे, जिसका नाम सच टायर्स था। लेकिन बाद में उन्होंने डेरे में ही एक बड़ा सीड प्लांट डाल लिया। हनीप्रीत की एक छोटी बहन है नीशु तनेजा, जिसकी शादी गुड़गांव में हुई है। बताय़ा जाता है कि उसकी शादी में भी बाबा का खास योगदान था।
पिता को मिली अहम जिम्मेदारी
इसी तरह से हनीप्रीत के चाचा अभी भी सिरसा के परशुराम चौक पर एमआरएफ टायर का शोरूम चलाते हैं। उसके मामा और कई रिश्तेदार सिरसा के मुख्य मार्गों पर टायरों का कारोबार करते हैं। हनीप्रीत के नाम पर डेरे के अंदर एक बुटीक भी है। अब उसके पिता रामानंद तनेजा डेरा की पर्चेजिंग कमेटी के हेड हैं। बाजार का सारा लेन-देन उनके जिम्मे था।

केवल नाम की शादी
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी। दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं। राम रहीम ने ही हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिया गया।
2009 में राम रहीम ने गोद लिया
इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया। राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है। उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं। इसके बाद साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी। गुप्ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था।

साये की तरह बाबा के साथ रहती थी हनीप्रीत
हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम के करीबियों में होती है। वह डेरा के कई अहम फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्मों को भी डायरेक्ट कर चुकी है। उसने "MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट" का भी निर्देशन किया है। राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के साथ नजर आई थी।
हनीप्रीत से सलाह लेता था गुरमीत
बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था। बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं। पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की करती थी। हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी। बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं।
हनीप्रीत है कौन? उसका परिवार कहां है? उसके घर में कौन-कौन हैं?

कौन है हनीप्रीत?
नाम - हनीप्रीत इंसा
असली नाम - प्रियंका तनेजा
पिता - रामननंद तनेजा
मां- आशा तनेजा
भाई - साहिल तनेजा
बहन - नीशु तनेजा
मूल निवास - फतेहाबाद, हरियाणा
दसवीं के बाद डेरे में आई थी हनीप्रीत
मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी। पहले डीएवी स्कूल फतेहाबाद से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी। डीएवी स्कूल में प्रियंका की तत्कालीन क्लास टीचर सुनीता मदान के मुताबिक वो पढ़ने में तेज नहीं थी। मगर उसे नाचने, गाने और अभिनय का बहुत शौक था। जब वह डेरे में आई तो उसी साल राम रहीम लड़कियों को आर्शीवाद देने के बहाने उनके स्कूल में आया। तभी उसकी नजर प्रियंका तनेजा पर पड़ी।
ऐसे बनी राम रहीम की हनीप्रीत
कुछ समय बाद ही राम रहीम ने प्रियंका तनेजा को अपने वश में कर लिया और फिर उसका नया नामकरण किया गया। अब प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी। धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी। ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने आने लगे। हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी। गुरमीत उस पर इतना मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया। उसकी पढ़ाई लिखाई सब डेरे में ही करवाई गई। वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए।
डेरे से जुड़ा था हनीप्रीत का परिवार
प्रियंका तनेजा का पूरा परिवार पिछले कई सालों से डेरे का अनुयायी है। डेरे में कई बड़े प्रोजेक्ट हनीप्रीत के नाम से चल रहे हैं। यही नहीं उसके भाई साहिल तनेजा को भी गुरमीत का आर्शीवाद मिला। वह डेरे में बड़े स्तर पर कारोबार करता है। हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा पहले पुरानी दिल्ली के सामने एमआरएफ टायर्स का शोरूम चलाते थे, जिसका नाम सच टायर्स था। लेकिन बाद में उन्होंने डेरे में ही एक बड़ा सीड प्लांट डाल लिया। हनीप्रीत की एक छोटी बहन है नीशु तनेजा, जिसकी शादी गुड़गांव में हुई है। बताय़ा जाता है कि उसकी शादी में भी बाबा का खास योगदान था।
पिता को मिली अहम जिम्मेदारी
इसी तरह से हनीप्रीत के चाचा अभी भी सिरसा के परशुराम चौक पर एमआरएफ टायर का शोरूम चलाते हैं। उसके मामा और कई रिश्तेदार सिरसा के मुख्य मार्गों पर टायरों का कारोबार करते हैं। हनीप्रीत के नाम पर डेरे के अंदर एक बुटीक भी है। अब उसके पिता रामानंद तनेजा डेरा की पर्चेजिंग कमेटी के हेड हैं। बाजार का सारा लेन-देन उनके जिम्मे था।

केवल नाम की शादी
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी। दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं। राम रहीम ने ही हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिया गया।
2009 में राम रहीम ने गोद लिया
इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया। राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है। उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं। इसके बाद साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी। गुप्ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था।

साये की तरह बाबा के साथ रहती थी हनीप्रीत
हनीप्रीत उन चंद डेरा समर्थकों में से एक है जिसकी गिनती राम रहीम के करीबियों में होती है। वह डेरा के कई अहम फैसले लेने के साथ ही राम रहीम की फिल्मों को भी डायरेक्ट कर चुकी है। उसने "MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट" का भी निर्देशन किया है। राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक साये की तरह राम रहीम के साथ नजर आई थी।
हनीप्रीत से सलाह लेता था गुरमीत
बाबा राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था। बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं। पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की करती थी। हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी। बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं।
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