अच्छी किताब और सच्चे जज़्बात,
हर किसी के समझ में नहीं आता।
हमारा कसूर ये था कि हमने हर किसी को
खुद से ज्यादा जरूर समझा।
अगर गलत फ़हमी दूर ना किया जाये
तो वो नफरत में बदल जाती है।
लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए,
मैं कहता हूँ जो अपने होते वो झुकने नहीं देते।
जो लोग बात बात पर लड़ते है न
वो प्यार भी बहुत करते है।
वक़्त तो वक़्त पर बदलता है
इंसान तो किसी भी समय बदल जाता है।
अब ना कुछ पाने की चाह है,
ना कुछ खोने का डर लगता है,
उम्र के साथ सपने देखना
छोड़ दिया है इन आँखों ने।