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April 8, 2018

बाॅडी लैंग्वेज बता देती है मन की बात - Personality Development


परिचय
शारीरिक हाव-भाव की समझ हमारे पूरे व्यक्तित्व में तो सुधार लाती ही है, साथ ही अन्य लोगों के बीच अपनी एक अलग छवि भी विकसित करती है। बॉडी लैंग्वेज प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में संप्रेषण का एक सशक्त माध्यम बनती है। विभिन्न शारीरिक भाव और उनके निहितार्थ के बारे में जानिए यहां

बॉडी लैंग्वेज में मुद्राएं, स्पर्श, बॉडी मूवमेंट, देखना और मुख मुद्राएं आती हैं। ऐसा माना जाता है कि कम्युनिकेशन का 93 प्रतिशत बॉडी लैंग्वेज के जरिए और शेष 7 प्रतिशत शब्दों के जरिए संप्रेषित होता है। रोचक तथ्य यह है कि मां के गर्भ में ही बच्चे की बॉडी लैंग्वेज आकार लेती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, भ्रूण का जम्हाई लेना या हाथ-पांव चलाना खुशी के चिह्न् माने जाते हैं। शारीरिक मुद्राएं विचारों, अनुभूतियों और संप्रेषण को इंगित करती हैं। विभिन्न संस्कृतियों में इनके कुछ पारंपरिक संदर्भ भी होते हैं। उदाहरण के लिए अंगूठा ऊपर करने की मुद्रा कई देशों में इस्तेमाल की जाती है।

भारत में इसका मतलब 'बहुत बढ़िया' या 'सफलता' से जुड़ा है, वहीं ऑस्ट्रेलिया, ईरान और नाइजीरिया में इसे नकारात्मक अर्थ में लिया जाता है। जापान में इसका मतलब अंक ‘पांच’ है, वहीं तुर्की में यह दक्षिणपंथी राजनीतिक दल को इंगित करता है।

अंगूठे और तर्जनी को जोड़ कर गोलाकार मुद्रा बनाने का मतलब आमतौर पर हमारे यहां ‘परफेक्ट’ या ‘संपूर्ण’ के तौर पर लिया जाता है, लेकिन फ्रांस में इसका मतलब है ‘व्यर्थ’, जापान में इसका अर्थ है ‘धन’ और जर्मनी में यह मुद्रा ‘असभ्यता’ या ‘उग्रता’ से जुड़ी है। माल्टा, ग्रीस और ब्राजील में इसका मतलब है बेइज्जती करना। बॉडी लैंग्वेज को समझना हमें रोजमर्रा के कामकाज में केवल इसीलिए आगे नहीं बढ़ाता कि हम इसके जरिए आत्मविश्वास प्राप्त करते हैं या अधिक मुस्तैदी से काम करते हैं, बल्कि हम यह समझ पाते हैं कि अन्य लोग असल में क्या कहना चाह रहे हैं।

लिहाजा, रोजमर्रा की स्थितियों जैसे जॉब इंटरव्यू, कार्यस्थल पर दी जाने वाली प्रेजेंटेशन या स्कूल व कॉलेज में शिक्षा से जुड़े कार्य में बॉडी लैंग्वेज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

➧ बाहें या टांगें क्रॉस न करें
कोशिश करें कि बातचीत के दौरान अपनी बाहें या टांगें क्रॉस न करें, क्योंकि इससे आपकी मुद्रा तनावग्रस्त नजर आएगी। अपने हाथ सिर के पीछे बांधना अतिरिक्त आत्मविश्वास का चिह्न् है।

➧ आंखें मिलाएं
बातचीत के दौरान अन्य व्यक्ति की आंखों में देखें। आंखें न मिला कर बात करना दर्शाता है कि व्यक्ति असुरक्षा का शिकार या लापरवाह है।

➧ शरीर की मुद्रा पर कार्य करें
बातचीत में अपनी रुचि दर्शाने के लिए कंधों को ढीला छोड़ें और आगे की ओर झुकें या आत्मविश्वास संप्रेषित करने के लिए सीधे तन कर कंधें कुछ पीछे को ले जाएं। आगे की ओर झुकना दर्शाता है कि आप बात सुनने को उत्सुक हैं, जबकि पीछे को होना दर्शाता है कि आप घमंडी और कार्य के प्रति उदासीन हैं।

➧ गौर से सुनें
अन्य लोगों के बोलने के दौरान आपका सिर हिलाना दर्शाता है कि आप चौकन्ने हैं।

➧ हाथ-पाव न हिलाएं
पैरों को हिलाने या टेबल पर उंगलियां फिराने जैसी नर्वस आदत पर रोक लगाएं।

➧ सकारात्मक रहें
जब कोई मजाक करे तो मुस्कराएं जरूर। यदि आपकी मुखमुद्रा सकारात्मक है तो लोग आपकी बात सुनना पसंद करेंगे।