एक लड़के के अनेक मित्र थे, जिसका उसे बहुत घमंड था। उसके पिता का एक ही मित्र था, लेकिन था सच्चा। एक दिन पिता ने बेटे को बोला कि तेरे बहुत सारे दोस्त है, उनमें से आज रात तेरे सबसे अच्छे दोस्त की परीक्षा लेते है।
बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों, बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे। बेटे ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा नहीं खुला। बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद दोनों ने सुना कि अंदर से बेटे का दोस्त अपनी माताजी को कह रहा था कि मां कह दे, मैं घर पर नहीं हूं।
यह सुनकर बेटा उदास हो गया। अतः निराश होकर दोनों घर लौट आए। फिर पिता ने कहा कि बेटे, आज तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूं। दोनों रात के 2 बजे पिता के दोस्त के घर पहुंचे। पिता ने अपने मित्र को आवाज लगाई। उधर से जवाब आया कि ठहरना मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूं।
जब दरवाजा खुला, तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपए की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी। पिता ने पूछा, यह क्या है मित्र। तब मित्र बोला…. अगर मेरे मित्र ने दो बजे रात्रि को मेरा दरवाजा खटखटाया है, तो जरूर वह मुसीबत में होगा और अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है, या तो रुपए-पैसे की या किसी से विवाद हो गया हो।
अगर तुम्हें रुपए की आवश्यकता हो, तो ये रुपए की थैली ले जाओ और किसी से झगड़ा हो गया हो, तो ये तलवार लेकर मैं तुम्हारें साथ चलता हूं। तब पिता की आंखे भर आई और उन्होंने अपने मित्र से कहा कि, मित्र मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं है। मैं तो बस मेरे बेटे को मित्रता की परिभाषा समझा रहा था। ऐसे मित्र न चुनें जो खुद-गर्ज हो और आपके काम पड़ने पर बहाने बनाने लगे। मित्र, कम चुनें, लेकिन नेक चुनें।
यह भी पढ़े :-
* कौन थे लाफिंग बुद्धा? क्या है इनकी हंसी का राज
* आपका Future खराब कर रही हैं ये 8 Habits
* ये 5 बातें आपको Smart बनाती हैं, पढिएगा जरूर
* Cute love stories | कितनी खुशी मिलती है ना
बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों, बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे। बेटे ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा नहीं खुला। बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद दोनों ने सुना कि अंदर से बेटे का दोस्त अपनी माताजी को कह रहा था कि मां कह दे, मैं घर पर नहीं हूं।
यह सुनकर बेटा उदास हो गया। अतः निराश होकर दोनों घर लौट आए। फिर पिता ने कहा कि बेटे, आज तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूं। दोनों रात के 2 बजे पिता के दोस्त के घर पहुंचे। पिता ने अपने मित्र को आवाज लगाई। उधर से जवाब आया कि ठहरना मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूं।
जब दरवाजा खुला, तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपए की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी। पिता ने पूछा, यह क्या है मित्र। तब मित्र बोला…. अगर मेरे मित्र ने दो बजे रात्रि को मेरा दरवाजा खटखटाया है, तो जरूर वह मुसीबत में होगा और अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है, या तो रुपए-पैसे की या किसी से विवाद हो गया हो।
अगर तुम्हें रुपए की आवश्यकता हो, तो ये रुपए की थैली ले जाओ और किसी से झगड़ा हो गया हो, तो ये तलवार लेकर मैं तुम्हारें साथ चलता हूं। तब पिता की आंखे भर आई और उन्होंने अपने मित्र से कहा कि, मित्र मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं है। मैं तो बस मेरे बेटे को मित्रता की परिभाषा समझा रहा था। ऐसे मित्र न चुनें जो खुद-गर्ज हो और आपके काम पड़ने पर बहाने बनाने लगे। मित्र, कम चुनें, लेकिन नेक चुनें।
यह भी पढ़े :-
* कौन थे लाफिंग बुद्धा? क्या है इनकी हंसी का राज
* आपका Future खराब कर रही हैं ये 8 Habits
* ये 5 बातें आपको Smart बनाती हैं, पढिएगा जरूर
* Cute love stories | कितनी खुशी मिलती है ना