बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान निर्माता का जन्म 14 अप्रैल सन् 1891 में मध्यप्रदेश के महू में हुआ था. बाबा साहेब के नाम से मशहूर आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की चतुर्वण प्रणाली और भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया. आज अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में पढ़िए उनके कुछ खास अनमोल विचार जो हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं.
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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अनमोल विचार
BR Ambedkar Quotes |
जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए.
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए.
हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.
इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है. निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो.
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.
यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा.
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है.
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.
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