एप्पल ने अपने स्थापना के समय से ही इनोवेशन और गुणवत्ता पर जोर दिया है। उसके इसी रणनीति और मेहनत का नतीजा है कि उसके सबसे लोकप्रिय उत्पाद iPhone का लोगों के बीच जबरदस्त क्रेज है। इतना कि इसे खरीदने के लिए लोग लाइन में खड़े होते हैं।
सबसे पहले खरीदने की होड़ लग जाती है। जाहिर है एप्पल ने भी अपने ग्राहकों को निराश नहीं किया है। लेकिन अब के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में जरुर ये सिर्फ स्टेटस सिंबल ही रह गया है। तो चलिए दोस्तों, जान लेते हैं कि किन 5 वजहों से मेट्रो शहरों में iPhone अब एक स्टेटस सिंबल बन गया है।

1. दिखावे की लत
कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें किसी भी काम को सिर्फ इसलिए करना होता है जिससे दूसरों को ये लगे कि अरे वाह इसने तो बड़ी खर्चा किया है। जब लोग ऐसा सोचते हैं तो लोगों को मन ही मन बड़ी ख़ुशी होती है। तो इस दिखावे के चक्कर में ही ज्यादातर लोग आईफोन खरीद लेते हैं जबकि उन्हें इसकी कोई खास जरुरत नहीं होती है।
2. रिश्तेदारों की सलाह पर
अपना देश रिश्ते-नातों का देश है। कई बार हम फैसले सिर्फ रिश्तेदारों के सलाह पर इसलिए ले लेते हैं क्योंकि वहां बात स्टेटस की आ जाती है। जब बात स्टेटस की आ जाती है तब हम ऐसे फैसले ले लेते हैं जिनकी कुछ ख़ास आवश्यकता नहीं होती है। तो ऐसे में ही ज्यादातर लोग आईफोन भी ले लेते हैं।
3. तुलना करने की आदत
आमतौर पर लोगों में इसकी आदत भी होती है। लोग अपने सामन की दूसरों से तुलना करते हैं। कई बार कोई सामान खरीदने के बाद लेकिन कई बार कोई सामान खरीदने से पहले भी दूसरों से तुलना करके ही लेते हैं। जैसे यदि कोई फोन लेना है और उनके कंपटिटर पड़ोसी के पास आईफोन है तो अब वो भी आईफोन ही लेंगे। भले ही बजट से कुछ ज्यादा खर्च क्यों न हो जाए।
4. दोस्तों को दिखाने लिए
जाहिर है अपने देश में यूथ की संख्या अच्छी खासी है और अपने देश का यूथ ऐसी ब्रांडेड चीजों के पीछे पागल रहता है। चाहे ब्रांड में दम हो या न हो या फिर जिस चीज की उन्हें कोई जरुरत नहीं होती उसे भी दोस्तों के बीच धौंस जमाने के लिए खरीद लेते हैं। आईफोन भी ऐसी ही एक चीज है जिसे कुछ लोग दोस्तों में इम्प्रेशन जमाने के लिए लेते हैं।
5. ब्रांडेड की जिद
कुछ लोग ब्रांडेड चीजों के पीछे इतने ज्यादा पागल हो जाते हैं कि उनके लिए भी बाकी चीजें महत्व नहीं रखतीं। अव्वल तो ब्रांड में भी उन्हें कुछ स्पेशल ब्रांड चाहिए होता है। ऐसे लोग भी बिना आईफोन लिए नहीं मानते हैं। क्योंकि इनका स्पष्ट मानना होता है कि आईफोन के अलावा बाकी ब्रांड इसके नीचे हैं।
सबसे पहले खरीदने की होड़ लग जाती है। जाहिर है एप्पल ने भी अपने ग्राहकों को निराश नहीं किया है। लेकिन अब के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में जरुर ये सिर्फ स्टेटस सिंबल ही रह गया है। तो चलिए दोस्तों, जान लेते हैं कि किन 5 वजहों से मेट्रो शहरों में iPhone अब एक स्टेटस सिंबल बन गया है।

1. दिखावे की लत
कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें किसी भी काम को सिर्फ इसलिए करना होता है जिससे दूसरों को ये लगे कि अरे वाह इसने तो बड़ी खर्चा किया है। जब लोग ऐसा सोचते हैं तो लोगों को मन ही मन बड़ी ख़ुशी होती है। तो इस दिखावे के चक्कर में ही ज्यादातर लोग आईफोन खरीद लेते हैं जबकि उन्हें इसकी कोई खास जरुरत नहीं होती है।
2. रिश्तेदारों की सलाह पर
अपना देश रिश्ते-नातों का देश है। कई बार हम फैसले सिर्फ रिश्तेदारों के सलाह पर इसलिए ले लेते हैं क्योंकि वहां बात स्टेटस की आ जाती है। जब बात स्टेटस की आ जाती है तब हम ऐसे फैसले ले लेते हैं जिनकी कुछ ख़ास आवश्यकता नहीं होती है। तो ऐसे में ही ज्यादातर लोग आईफोन भी ले लेते हैं।
3. तुलना करने की आदत
आमतौर पर लोगों में इसकी आदत भी होती है। लोग अपने सामन की दूसरों से तुलना करते हैं। कई बार कोई सामान खरीदने के बाद लेकिन कई बार कोई सामान खरीदने से पहले भी दूसरों से तुलना करके ही लेते हैं। जैसे यदि कोई फोन लेना है और उनके कंपटिटर पड़ोसी के पास आईफोन है तो अब वो भी आईफोन ही लेंगे। भले ही बजट से कुछ ज्यादा खर्च क्यों न हो जाए।
4. दोस्तों को दिखाने लिए
जाहिर है अपने देश में यूथ की संख्या अच्छी खासी है और अपने देश का यूथ ऐसी ब्रांडेड चीजों के पीछे पागल रहता है। चाहे ब्रांड में दम हो या न हो या फिर जिस चीज की उन्हें कोई जरुरत नहीं होती उसे भी दोस्तों के बीच धौंस जमाने के लिए खरीद लेते हैं। आईफोन भी ऐसी ही एक चीज है जिसे कुछ लोग दोस्तों में इम्प्रेशन जमाने के लिए लेते हैं।
5. ब्रांडेड की जिद
कुछ लोग ब्रांडेड चीजों के पीछे इतने ज्यादा पागल हो जाते हैं कि उनके लिए भी बाकी चीजें महत्व नहीं रखतीं। अव्वल तो ब्रांड में भी उन्हें कुछ स्पेशल ब्रांड चाहिए होता है। ऐसे लोग भी बिना आईफोन लिए नहीं मानते हैं। क्योंकि इनका स्पष्ट मानना होता है कि आईफोन के अलावा बाकी ब्रांड इसके नीचे हैं।