गरीब किसान के 60 हजार रूपए खा गयी बकरी, उसके बाद किसान ने जो किया वो हम सबकी आंखें खोल देगा
दोस्तों आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी "पापी पेट का सवाल है" खाना एक ऐसी चीज है जिसके लिये हम पैसे कमाते है और जानवर खाने के लिये शिकार करते है। जब हमें बहुत ज्यादा भूख लगती है तो हम कुछ भी खा लेते है पर क्या
आपने सोचा है की अगर किसी जानवर को ऐसी ही भूख लगे तो वो क्या करते है।

उतर प्रदेश के सिलुआपुर गाँव में एक सर्वेश कुमार पटेल नाम का गरीब किसान रहता है जिसने अपने घर में एक बकरी पाल रखी है। एक दिन उस किसान ने बैंक से 60 हजार रूपए निकल वाए ताकि वो अपना घर पक्का बना सके और उसने वो पैसे अपनी एक पेंट में रख दिये और उस पेंट को खूँटी पर टांग दिया और नहाने चला गया।

जब वो किसान नहा रहा था तभी बकरी को जोरदार भूख लग गयी, आस पास कुछ मिला नहीं तो उस बकरी ने किसान की पेंट को ही चबाना शुरु कर दिय जिसमें 60000 रूपए थे और जब वो किसान नहाकर बाहर निकला तब उसने जो नजारा देखा तो उसके पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी। बकरी 60 हजार रूपए चबा चुकी थी और किसान ने मुस्किल से उसके मुह में से दो नोट बाहर निकाले जो लगभग चबे हुए थे। अब आप खुद सोचिये की अगर किसी गरीब के पास से 60 हजार रूपए चले जाये तो कितनी बड़ी बात है।

आसपास के लोगों ने उन्हें सलाह दी की बकरी को किसी कसाई को बैच दो, थोड़े पैसे भी मिल जायेंगे और बकरी को उसके किये की सजा भी मिल जाएगी पर उस गरीब किशान ने ऐसा नहीं किया और आज भी उसी प्यार से बकरी को पाल रहा है। उस किसान का कहना है की वो तो जानवर है उसे क्या पता पैसा क्या होता है और ना ही उन्हें सही गलत की समझ होती है इसलिए उन्हें सजा देने से क्या होगा। जब गाव वालों को उनकी इस बात का पता चला तो उन सबने सर्वेश कुमार की काफी तारीफ की और उनके घर के लिये चंदा भी जमा किया।
आज हमें और हमारे समाज को सर्वेश कुमार जैसे लोगों की बहुत जरुरत है, क्योंकि लोगों के दिलों से विनम्रता समाप्त होती जा रही है और हमें ऐसे लोगों से सीखना चाहिये की कुछ पैसों के लिये हमें जानवर नहीं बनना चाहिये।
आपने सोचा है की अगर किसी जानवर को ऐसी ही भूख लगे तो वो क्या करते है।

उतर प्रदेश के सिलुआपुर गाँव में एक सर्वेश कुमार पटेल नाम का गरीब किसान रहता है जिसने अपने घर में एक बकरी पाल रखी है। एक दिन उस किसान ने बैंक से 60 हजार रूपए निकल वाए ताकि वो अपना घर पक्का बना सके और उसने वो पैसे अपनी एक पेंट में रख दिये और उस पेंट को खूँटी पर टांग दिया और नहाने चला गया।

जब वो किसान नहा रहा था तभी बकरी को जोरदार भूख लग गयी, आस पास कुछ मिला नहीं तो उस बकरी ने किसान की पेंट को ही चबाना शुरु कर दिय जिसमें 60000 रूपए थे और जब वो किसान नहाकर बाहर निकला तब उसने जो नजारा देखा तो उसके पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी। बकरी 60 हजार रूपए चबा चुकी थी और किसान ने मुस्किल से उसके मुह में से दो नोट बाहर निकाले जो लगभग चबे हुए थे। अब आप खुद सोचिये की अगर किसी गरीब के पास से 60 हजार रूपए चले जाये तो कितनी बड़ी बात है।

आसपास के लोगों ने उन्हें सलाह दी की बकरी को किसी कसाई को बैच दो, थोड़े पैसे भी मिल जायेंगे और बकरी को उसके किये की सजा भी मिल जाएगी पर उस गरीब किशान ने ऐसा नहीं किया और आज भी उसी प्यार से बकरी को पाल रहा है। उस किसान का कहना है की वो तो जानवर है उसे क्या पता पैसा क्या होता है और ना ही उन्हें सही गलत की समझ होती है इसलिए उन्हें सजा देने से क्या होगा। जब गाव वालों को उनकी इस बात का पता चला तो उन सबने सर्वेश कुमार की काफी तारीफ की और उनके घर के लिये चंदा भी जमा किया।
आज हमें और हमारे समाज को सर्वेश कुमार जैसे लोगों की बहुत जरुरत है, क्योंकि लोगों के दिलों से विनम्रता समाप्त होती जा रही है और हमें ऐसे लोगों से सीखना चाहिये की कुछ पैसों के लिये हमें जानवर नहीं बनना चाहिये।
Post a Comment