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January 15, 2018

एक आदमी की सकारात्मक सोच की कहानी - Story Of Positive Thinking


समय जैसा भी हो उसे मन से स्वीकार करना चाहिए और हमेशा अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए सकारात्मक सोच रखने से मनुष्य के जीवन में बहुत से बदलाव हो जाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक सकारात्मक सोच की कहानी बताने जा रहे हैं। पूरा पढ़िएगा जरूर।

किसी गांव में एक सेठ रहता था। उसकी एक बड़ी फैक्ट्री थी, जिसमें बहुत से लोग काम करते थे। उस फैक्ट्री का मैनेजर वहां वर्षों से काम कर रहा था और सेठ उस पर बहुत विश्वास करते थे और सेठ की गैर-हाजिरी में सारा काम वही देखता था। उस मैनेजर में एक बड़ी खासियत थी, कि वह कभी छुट्टी नहीं करता था, और अपने काम को बहुत अच्छे ढंग से करता था।
*एक अच्छी छोटी कहानी, short story in hindi*

एक दिन मैनेजर फैक्ट्री नहीं आया। सेठ ने सोचा कि मैंने बहुत समय से उसकी सैलरी नहीं बड़ाई है। इसलिए उसने काम छोड़ दिया और वह दूसरा काम ढूंढने के लिए गया होगा। लेकिन अगले दिन मैनेजर फैक्ट्री में आ गया तो सेठ ने उसकी सैलरी 10 प्रतिशत बढ़ा दी। जब मैनेजर को बढ़ी हुई सैलरी मिली, तो उसने कुछ नहीं कहा और चुपचाप पैसे लेकर चला गया।

फिर कुछ महीनों तक सब कुछ ठीक चलता रहा। अचानक एक दिन मैनेजर फैक्ट्री नहीं आया। सेठ को इस बात पर बहुत गुस्सा आया और वह सोचने लगा कि मैंने मैनेजर की सैलरी भी बढ़ा दी और उसने धन्यवाद भी नहीं कहा इसलिए अब मैं उसकी सैलरी वापस काट लूंगा। अगले दिन जब मैनेजर वापस आया तो उसे 10 प्रतिशत कम सैलरी मिली यह देख कर भी मैनेजर ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वापस अपना काम करने लगा। यह सब कुछ देखकर मैनेजर को बहुत आश्चर्य हुआ।

उसने मैनेजर को बुलाया और कहां, क्या बात ह, जब मैंने तुम्हारी सैलरी बढ़ाई तब भी तुमने कुछ नहीं कहा और अब जब मैंने तुम्हारी सैलरी वापस घटा दी तो तब भी तुमने कुछ नहीं कहा।
*Best Story in Hindi | जीवन की सच्चाई*

मैनेजर ने मुस्कुराते हुए कहा - सेठ जी, दरअसल पहली बार मैंने उस दिन छुट्टी की जिस दिन मुझे बेटी हुई थी। जब आपने मुझे ज्यादा सैलरी दी तो मैंने सोचा कि यह मेरी बेटी के लिए ही है और दूसरी बार मैंने तब छुट्टी की थी, जब मेरी माता का स्वर्गवास हो गया था। उसके बाद आप ने मेरी बड़ी हुई सैलरी वापस ले ली।

तो मैंने सोचा कि मेरी मां अब इस दुनिया में नहीं रही इसी कारण मुझे सैलरी कम मिली है। मैनेजर की सकारात्मक सोच देखकर सेठ जी की आंखों में आंसू आ गए और वे उठे और उसे अपने गले से लगा लिया।

शिक्षा : इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुसीबत क्यों ना आए लेकिन हमें अपनी सोच अपने विचार को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए।