हम हमेशा अपने व्यक्तित्व को सुधारने की कोशिश करते रहते हैं चाहे वो हमारे बोलने का तरीका हो या हमारा काम करने का ढंग, सुधार की गुंजाइश तो हमेशा कहीं न कहीं रहती ही है। हम अपनी की हुयी गलतियों से सीखते हैं और ख़ुद से ये प्रॉमिस भी करते हैं कि फिर उस गलती को नहीं दोहराएंगे। अगर हम ऐसा न करें, तो शायद हम कभी मेच्योर (परिपक्व) नहीं हो पायेंगे और न ही ज़िन्दगी में कभी आगे बढ़ पायेंगे।
इसलिए सेल्फ-डिसपॉइन्टमेंट से बचने के लिए हम सभी को ख़ुद से कुछ प्रोमिसेज़ (वादे) करने चाहिए ताकि हम एक बेहतर ज़िन्दगी जी सकें।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #1
स्वयं को इतना स्ट्रोंग बनाना है कि कोई भी चीज़ आपके हमारे मन की शांति को न छीन सके।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #2
हमें अपने सभी दोस्तों को ये महसूस करना है कि उनमें कुछ ख़ास करने की काबिलियत है।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #3
हम जिससे भी मिलेंगे उससे हेल्थ, हैप्पीनेस, समृद्धि और नए आईडियाज़ की बात करेंगे।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #4
किसी के लिए जितना हो सके उतना करेंगे लेकिन बदले में कोई उम्मीद नहीं रखेंगे।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #5
दूसरों के सक्सेस से भी उतना ही उत्साहित होंगे जितना की ख़ुद के सक्सेस को लेकर होते हैं।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #6
हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कान रखेंगे और अपनी खुशियाँ दूसरों के साथ भी शेयर करेंगे।
ख़ुद से ये प्रॉमिस करें #7
दूसरों की आलोचन करने के बजाय हम अपने समय का इस्तेमाल स्वयं को इम्प्रूव करने में करेंगे।