साहस के बिना दुनिया में कुछ भी संभव नहीं है। साहस इंसान के दिमाग का सबसे बड़ा गुण है। दुनिया का कोई भी ऐसा महान इंसान नहीं हुआ है जो जुनूनी नहीं हो। महान बनने के लिए दिमाग में थोड़ा पागलपन या जुनून जरूरी होता है। उसके बिना वह साहसी नहीं हो सकता। जो जुनूनी और जिद्दी होगा वही साहसी होगा।
जरूरी है खुद पर भरोसा
साहसी बनने के लिए जरूरी है खुद पर भरोसा। खुद पर भरोसा तभी हो सकता है जब इंसान स्वयं अपने लक्ष्य के प्रति अनुशासित हो। स्वयं अनुशासित रहने वाला इंसान ही एक अच्छा कमांडर बन सकता है। जब वह खुद को सही रूप से कमांड कर पाएगा तभी वह दूसरे लोग उसके पीछे आएंगे। क्योंकि असफलता के कई रास्ते होते हैं, लेकिन सफलता का एक ही रास्ता होता है। वह रास्ता स्वयं के अनुशासन, लक्ष्य के प्रति दृढ़ता और जिद व जुनून से ही तय किया जा सकता है।
साहस, प्रयास और लक्ष्य
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए साहस तो होना ही चाहिए, लेकिन उसे पाने के लिए प्रयासों का स्तर भी वैसा ही होना चाहिए। क्योंकि अगर आपने लक्ष्य कठिन तय कर लिया और प्रयास आराम से करेंगे तो लक्ष्य को कभी नहीं पा सकेंगें। लक्ष्य और प्रयास दोनों प्रकृति एक जैसी ही है। उन्हें अलग अलग चश्मे से नहीं देखा जा सकता है। उसके लिए दृष्टि एक जैसी होेनी चाहिए। तभी सफलता आपके साहस को सलाम करेगी।