एक गाँव में एक सत्तर वर्ष का बुड्ढा रहता था वो प्रत्येक एक वर्ष बीतने पर, अपनी ही पत्नी से शादी करता था। बिना किसी रोक-टोक के सारा कार्यक्रम सम्पन्न हो जाता, और फिर अगले वर्ष सब कुछ वैसे ही दोहराया जाता।
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पूरे गाँव में ये बात कौतुहल का विषय बन गयी और हर कोई बुड्ढे पे हँसते और सोचते कि यह ऐसा क्यों करता है।
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आखिर में जब एक व्यक्ति से नहीं रहा गया तो उसने बुड्ढे पूछ ही लिया।
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आदमी - क्यों बुढ़ऊ... ये क्या बात हुई कि तुम हर साल ब्याह करते हो हर साल फेरे लेते हो और वो भी अपनी ही पत्नी से।
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बुड्ढा - अरे ऐसी कोई बात नहीं मैं यह शादी तो बस एक ही बात के लिए करता हूँ।
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आदमी - कौन सा बात?
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बुड्ढा - वही जब पंडित जी कहते हैं कि 'लड़के को बुलाओ' बस कसम से मजा आ जाता है और वही जवानी वाला जोश आ जाता है।