दिवाली का क्या महत्त्व हैं? क्यों और कैसे मनाई जाती हैं दिवाली?

हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा त्योहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपने परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है। दिवाली हिन्दू धर्म के लिये सबसे महत्वपूर्णं, पारंपरिक, और सांस्कृतिक त्योहार है जिसको
सभी अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह और हर्षोउल्लास से मनाते है। दिपावली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है।


क्यों मनाई जाती हैं दिवाली ?
ये बेहद खुशी का पर्व है जो हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है। वैसे तो दिवाली मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं कही जाती है लेकिन दिवाली मनाने का एक बड़ा कारण भगवान श्रीराम का वनवास करके अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को हराया था। इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है। अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काटकर लौटे थे।

रोशनी का उत्सव 'दीपावली' असल में दो शब्दों से मिलकर बना है- दीप+आवली। जिसका वास्तविक अर्थ है, दीपों की पंक्ति। असुर राजा रावण पर विजय और भगवान राम का चौदह साल का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौटना। इस दिन को हम बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये भी जानते है।

पाँच दिनों के इस पर्व का हर दिन किसी खास परंपरा और मान्यता से जुड़ा हुआ है। जिसमें पहला दिन धनतेरस का होता है इसमें हम लोग सोने-चाँदी के आभूषण या बर्तन खरीदते है, दूसरे दिन छोटी दिवाली होती है जिसमें हमलोग शरीर के सारे रोग और बुराई मिटाने के लिये सरसों का उपटन लगाते है, तीसरे दिन मुख्य दिवाली होती है इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है जिससे घर में सुख और संपत्ति का प्रवेश हो, चौथे दिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नए साल का शुभारम्भ होता है और अंत में पाँचवां दिन भाई-बहन का होता है अर्थात् इस दिन को भैया दूज कहते है।

अयोध्या के महान राजा श्रीराम का अयोध्या वासीयों ने जोरदार स्वागत किया था। अयोध्या वासीयों ने अपने राजा के प्रति अपार स्नेह और लगाव को दिल से किये स्वागत के द्वारा प्रकट किया। उन्होंने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमगा दिया था।अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिये लोगों ने लजीज पकवान बनाये, हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा था, बच्चे भी खूब खुश थे और इधर-उधर घूमकर अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे थे।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?
दीवाली के दिन घर के आंगन में खूबसूरत रंगोली उतारी जाती हैं.और घर को दीयों की रोशनी से जगमगाया जाता हैं सूरज डूबने के बाद लोग इसी देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते है। जहाँ एक ओर लोग ईश्वर की पूजा कर सुख, समृद्धि और अच्छे भविष्य की कामना करते है वहीं दूसरी ओर पाँच दिनों के इस पर्व पर सभी अपने घर में स्वादिष्ट भोजन और मिठाईयां भी बनाते है।

इस दिन लोग पाशा, पत्ता आदि कई प्रकार के खेल भी खेलना पसंद करते है। इसको मनाने वाले अचछे क्रियाकलापों में भाग लेते है और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये गलत आदतों का त्याग करते हैं। इनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जीवन में ढ़ेर सारी खुशियाँ, समृद्धि, संपत्ति और प्रगति आयेगी। इस अवसर पर सभी अपने मित्र, परिवार और रिश्तेदारों को बधाई संदेश और उपहार देते है।
"आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें"