खुद ही दे जाओगे तो बेहतर हैं, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं।
मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता, ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता।
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे, जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया।
लोग कहते है कि मोहब्बत एक बार होती हैं, लेकिन मैं जब जब उसे देखू मुझे हर बार होती हैं।
अच्छ लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ, जैसे कोई सभा जुड़ी हो किसी हसीन शाम के साथ।
मुझसे मत पूछ की क्यों आँखें झुका ली मैंने, तेरी तस्वीर थी इन आँखों में वो तुझी से छूपा ली मैंने।
दुकानें उसकी भी लुट जाती है अक्सर हमने देखा है जो दिन भर में न जाने कितने ताले बेच देता है।
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है।
कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा बूढा भिखारी, जो बस एक रुपये के बदले सिग्नल पे खड़ा बेशकीमती दुआए दे देता है।
दूसरों की अपेक्षा अगर आपको सफलता, यदि देर से मिले तो निराश नही होना चाहिये क्योँकि मक़ान बनने से ज्यादा समय महल बनने मेँ लगता है।
खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती, तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती।
मुकद्दर में लिखा के लाये हैं दर-ब-दर भटकना.. मौसम कोई भी हो परिंदे परेशान ही रहते हैं।
जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है सँवर गई तो जन्नत , नहीं तो सिर्फ तमाशा है।
ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब कही मेरी माँ की दुआ तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये।
हर नई चीज अच्छी होती है लेकिन दोस्त पुराने ही अच्छे होते है।
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