अमिताभ बच्चन की 30 फ़िल्में जो जिन्दगी में एक बार जरुर देखनी चाहिए
बॉलीवुड के महानायक कहलाने वाले ''अमिताभ बच्चन'' ने अनगिनत फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता से करोड़ों दर्शकों का दिल जीता है। दशकों पहले शुरू यह सिलसिला आज भी जारी है। यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं उनके द्वारा अभिनीत यादगार शीर्ष 30 फ़िल्में
जिनको देखे बिना यदि आप अमिताभ बच्चन का फैन होने का दावा करते हैं तो यकीन करें कि आप टाइमपास फैन ही हैं।

1. आनंद (1971)
यह फिल्म एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की कहानी पर आधारित है जो अपने मरने से पहले पूरी जिन्दादिली से अपनी जिंदगी को जीना चाहता है और जीता भी है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने डॉक्टर का और राजेश खन्ना ने मरीज का मुख्य किरदार बहुत सजींदगी से निभाया है। 'बाबू मोशाय' इस फिल्म का एक मशहूर डायलॉग था। फिल्म में अभिनय के साथ-2 संगीत भी बेहद उम्दा है। जीवन में एक बार देखने योग्य फिल्म है।
2. ज़ंजीर (1973)
यह फिल्म अमिताभ बच्चन के अभिनय जीवन ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म के साथ ही बिग-बी के संघर्ष का दौर का अंत हुआ और हिंदी सिनेमा को एक नया उभरता स्टार मिल गया। भारत में भ्रष्ट सिस्टम से त्रस्त आम आदमी की खीज उसके लड़ने के ज़ज्बे को दिखाने वाली यह संभवत: पहली फिल्म थी। फिल्म में विजय खन्ना (AB) के बचपन में उसके माता-पिता का खून हो जाता है। कातिल के हाथ में लटकी जंजीर उसके जहन में बुरे सपने की तरह बस जाती है। अपनी पुलिस की नौकरी के दौरान उसे अपने परिवार के कातिल का सुराग मिल जाता है और तमाम परेशानियों को झेलकर वह उसे उसके अंजाम तक पहुंचा कर दम लेता है। इसमें उसका पहले विरोधी लेकिन बाद में मित्र शेर-खान (प्राण) उसकी बहुत सहायता करता है।
3. अभिमान (1973)
अभिमान (English: Pride) 1973 में बनी एक म्यूजिक-ड्रामा फिल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन और उनकी रियल लाइफ पत्नी जया-भादुरी (बच्चन) मुख्य किरदार में थे। यह फिल्म अपने मधुर संगीत कम्पोजीशन के लिए ज्यादा जानी जाती है जिसके संगीतकार महान एसडी बर्मन थे और गीतकार बेजोड़ मजरूह सुल्तानपुरी साहब थे। मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर और किशोर कुमार गायक थे। जया भादुड़ी को इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला था। माना जाता है कि यह फिल्म किशोर कुमार और उनकी पत्नी रुमा घोष की असल जिन्दगी पर आधारित थी। फिल्म एक सिंगर कपल पर बनी थी। सुबीर का करियर उतार पर है जबकि उसकी नई दुल्हन उमा एक उभरती गायिका है। समय के साथ उमा सुबीर से अधिक मशहूर हो जाती है और सुबीर इर्ष्या में अपने दाम्पत्य जीवन में तनाव का कारण बन जाता है, और वे अलग हो जाते है। अति-तनाव में उमा का गर्भपात हो जाता है और वे अपने रास्ते चल पड़ते हैं, लेकिन अंतत कुछ मददगार लोगों के प्रयास से वे फिर से एक हो जाते हैं और साथ में स्टेज पर आते हैं। इस फिल्म का संगीत बहुत शानदार बना है और अभी भी बहुत पसंद किया जाता है।
4. नमक हराम (1973)
यह फिल्म सोमू (राजेश खन्ना) और विक्की (अमिताभ) नाम के दो दोस्तों के बीच के रिश्ते पर आधारित है। सोमू गरीब मजदूर है जबकि विक्की धनवान सेठ का बेटा है। विक्की अपने दोस्त की नया यूनियन लीडर बनने में मदद करता है लेकिन बाद में इन दोनों के बीच तनाव आ जाता है क्योंकि सोमू मजदूरों की स्थिति को लेकर स्टैंड ले लेता है। अमीर और गरीब दोस्तों के बीच व्यापारिक विरोध के कारण उपजे संघर्ष को इस फिल्म में खूबसूरती से दिखाया गया है। नमक हराम अपने समय की बेहद हिट फिल्म थी।
5. दीवार (1975)
दीवार फिल्म अमिताभ बच्चन द्वारा अभिनीत बेहद सफल और देखने योग्य फिल्म है। यह अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग-मैन किरदार को स्थापित करने वाली फिल्म थी। यह फिल्म ईमानदारी के लिए अपना सब-कुछ दाव पर लगाने वाले एक यूनियन प्रधान (सत्येन कप्पू) के परिवार में उसकी पत्नी (निरूपा रॉय), बड़ा बेटा विजय (अमिताभ बच्चन) और छोटे बेटे (शशि कपूर) के जीवन की त्रासदी पर आधारित है। विजय के हाथ पर 'मेरा बाप चोर है' का टैटू उसकी जिन्दगी बदल देता है और वह अंडरवर्ल्ड डॉन बन जाता है। वही दूसरी और छोटा भाई पुलिस इंस्पेक्टर बन जाता है। फिल्म के अंत में दोनों में मां को अपने साथ रखने के लिए तकरार होती है, और माँ ईमानदारी से कमाने वाले छोटे बेटे का साथ देती है। मशहूर डायलॉग, 'मैं आज भी फैंके हुए पैसे नहीं उठाता' और 'मेरे पास माँ है' हैं जिस पर आज भी कमर्शियल एडस बनती हैं। 'इंडियाटाइम्स' की टॉप 25 'Must See' लिस्ट में यह फिल्म शामिल है।
6. शोले (1975)
कुख्यात और क्रूर डाकू गब्बर सिंह (अमजद खान) द्वारा अपने पूरे परिवार की हत्या किये जाने के बाद भूतपूर्व पुलिस अधिकारी बलदेव सिंह ठाकुर उर्फ़ ठाकुर (संजीव कुमार), जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू(धर्मेन्द्र) नाम के बदमाशों को गब्बर सिंह को जिंदा पकड़ने के लिए नियुक्त करता है। अपने समय की सबसे बेहतरीन फिल्मों से एक यह फिल्म मुंबई के मिनर्वा थिएटर में लगातार 5 साल चलती रही। शोले फिल्म में गब्बर का मशहूर डायलॉग, 'कितने आदमी थे' आज भी लोगों के बीच चलन में है, जिससे इस फिल्म के लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस फिल्म में असरानी (जेलर), जगदीप (सूरमा भोपाली) और बसंती (हेमामालिनी) की कॉमेडी बहुत ही मजेदार और देखने योग्य है। जिसने शोले फिल्म नहीं देखी उसने कुछ नहीं देखा।
7. चुपके चुपके (1975)
यह फिल्म एक हास्य पारिवारिक फिल्म है जिसमें अमिताभ बच्चन ने प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी का किरदार निभाया है। शर्मीला टैगोर, ओम प्रकाश इस फिल्म के अन्य कलाकार हैं। प्रेम, रोमांस, आपसी मनमुटाव, रिश्तों की नजाकत और गर्माहट आदि को बहुत ही खूबसूरत तरीके से इस फिल्म में दर्शाया गया है। हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित यह फिल्म बंगाली उपन्यास पर आधारित है।
8. अमर अकबर एंथोनी (1977)
इस फिल्म में बहुत समय से बिछड़े हुए तीन भाई आपस में मिलते हैं। इनमें से एक भाई हिन्दू होता है, एक इसाई और एक मुस्लिम होता है। यह फिल्म बहुत रोमांच से भरी हुई है।
9. खून पसीना (1977)
यह फिल्म जुर्म की दुनिया पर आधारित है। इस फिल्म में शिवा (अमिताभ बच्चन) जो अपने आस पड़ोस में जुर्म करता है और उसकी मां उसकी शादी कराने के लिए उसको मनाती है।
10. परवरिश (1977)
परवरिश एक क्राइम आधारित ड्रामा फिल्म है यह फिल्म वर्ष 1977 में चौथी सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म बनी थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना दो भाई होते हैं। जो अपने किरदार से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं।
11. डॉन (1978)
डॉन, एक मोस्ट वांटेड अपराधी होता है जो पुलिस से लड़ाई के दौरान मारा जाता है। डीएसपी डिसेल्वा ही जानता होता है कि डॉन मरा नहीं है। डिसिल्वा डॉन के हमशकल विजय को अंडरवर्ल्ड में भेजता है ताकि वह अन्य अपराधियों के बारे में सारी जानकारी हासिल करके उनका समूल नाश कर सके। इस बीच डिसिल्वा मारा जाता है और विजय मुसीबत में आ जाता है क्योंकि अपराधी जान चुके होते हैं कि वह असली डॉन नहीं है जबकि पुलिस सोचती है कि वही डॉन है। विजय के सामने एक ही रास्ता है, और वह है एक डायरी सभी अपराधियों की लिस्ट है। इस सुपरहिट फिल्म पर शाहरुख़ खान को लेकर दो रीमेक बन चुके है जोकि सुपरहिट रहे हैं।
12. मुक़द्दर का सिकंदर (1978)
'मुकद्दर का सिकंदर' फिल्म एक अनाथ लड़के पर बनी है. वह शिमला में अपनी मालिक की बेटी से प्यार करता है। उस पर चोर होने का इल्जाम लग जाता है और उसकी दोस्त भी उसे चोर समझती है। तमाम मुसीबतों को झेलता हुआ सिकंदर अंत में अपनी बेगुनाही साबित करने में कामयाब हो जाता है। इस फिल्म का संगीत बहुत ही खूबसूरत है। अमजद खान, रेखा और विनोद खन्ना के साथ राखी इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। अमिताभ बच्चन के कैरियर की यह एक बहुत अच्छी देखने योग्य फिल्म है।
13. काला पत्थर (1979)
इस फिल्म में एक इमानदार पुलिस पिता अपने बच्चे का अपहरण करने वालों की कोई डिमांड नहीं मानता। इस फिल्म के बाद अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के महानायक बन गए थे।
14. सुहाग (1979)
सुहाग फिल्म गैंगस्टर पर आधारित है। इस फिल्म में शशि कपूर और अमिताभ बच्चन दो भाई होते हैं। शशि कपूर पुलिस का किरदार निभाता है और दूसरी तरफ अमिताभ बच्चन जुर्म की दुनिया को चलता है।
15. दोस्ताना (1980)
यह फिल्म एक्शन और ड्रामे पर बनी फिल्म है। यह फिल्म 1980 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फिल्म थी। इस फिल्म में विजय और रवि दो दोस्त होते हैं जो एक दुसरे के काम में दखल नहीं देते।
16. याराना (1981)
यह फिल्म एक एक्शन ड्रामा फिल्म है। जिसमें किशन और बिशन दो दोस्त होते हैं। इनमें से किशन अनाथ होता है जबकि बिशन अच्छे खानदान से होता है। दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती होती है।
17. लावारिस (1981)
इस फिल्म में एक लड़के को जन्म से त्याग दिया जाता है। फिर बाद में उसको एक शराबी द्वारा पाला जाता है। जो उस त्याग किए बच्चे का नाम एक कुत्ते के नाम पर रखता है।
18. सिलसिला (1981)
यह फिल्म बिछड़े हुए प्यार और फिर उस प्यार को द्वारा मिलने की कहानी पर आधारित है। लेकिन सोसाइटी को यह मंजूर नहीं होता। यह फिल्म अडल्टरी पर आधारित है।
19. कालिया (1981)
कालिया एक एक्शन फिल्म थी यह फिल्म एक कालिया नाम के लड़के पर आधारित है जिसके बड़े भाई का एक्सीडेंट में हाथ कट जाता है।
20. सत्ते पे सत्ता (1982)
अपने माता पिता के मरने के बाद, रवि जो सात भाईयों में सबसे बड़ा होता है। अपने सातों भाइयों का अभिभावक बन जाता है. यह फिल्म हास्य से भरपूर है।
21. नमक हलाल (1982)
इस फिल्म में अर्जुन(अमिताभ बच्चन) को उसका दादा (ओम प्रकाश) पालता-पोसता है। उसके दादा अर्जुन के लिए शहर जाते हैं और उसके लिए पुराने मालिक के होटल में नौकरी पर लगवाते हैं। होटल के मालिक के बेटे (शशि कपूर) पर दुश्मनों की नज़र है और वे उसे मार कर होटल अपने नाम करवाना चाहते है। अर्जुन को पता चलता है कि होटल की मालकिन (वहीदा रहमान) दरअसल उसकी मां है। रोमांचक घटनाओं और हास्य से भरपूर बहुत ही उम्दा फिल्म है नमक हलाल। 'पग घुंगरू बाँध कर मीरा नाची थी', 'आज रपट जाए तो' आदि बहुत ही उम्दा गीत-संगीत से भरे गाने है।
22. शराबी (1984)
बचपन में माँ के आँचल से रहित अमिताभ बच्चन का किरदार विक्की कपूर अपने पिता करोड़पति पिता के प्यार को तरसता हुआ जवानी में शराब का सहारे अपने जीवन को चलाने लगता है। बिज़नसमैन बाप (प्राण) उसे मुंशी (ओम प्रकाश) के सहारे छोड़कर अपनी बिज़नस की दुनिया में व्यस्त रहता है और पैसे को सबकुछ समझता है। विक्की को एक गरीब नाचने वाली (जयाप्रदा) से प्यार हो जाता है जो उसके बाप को नागवार गुजरता है और उसे घर से निकाल देता है। विक्की खुशी-खुशी घर छोड़ देता है लेकिन रोजी रोटी कमाने के लिए उसे संघर्ष करना पड़ता है लेकिन वह हिम्मत नहीं हारता। बेजोड़ अभिनय और अंग्रेजी फिल्म पर आधारित रोमांचक पटकथा पर बनी इस फिल्म ने प्लैटिनम जुबली मनाई थी।
23. मर्द (1985)
मर्द 1985 में बनी एक एक्शन फिल्म थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और अमृता सिंह ने अपना मुख्य किरदार निभाया था। यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म थी।
24. अग्निपथ (1990)
इस फिल्म में एक छोटा लड़का अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए धीरे-धीरे बदमाश बनता जाता है ताकि वह अपने पिता के हत्यारे तक पहुंच सके।
25. आंखें (2002)
इस फिल्म में विजय सिंह राजपूत बैंक का एक विचित्र मेनेजर होता है। जो अपने ही बैंक में अंधों से चोरी कराता है। यह फिल्म बहुत ही रोमांच और हास्य से भरपूर है।
26. बागवान (2003)
इस फिल्म में बूढे दम्पति अपने बच्चों से प्रेम और सहानुभूति की आशा करते हैं, लेकिन उनके बच्चे उनसे बोझ की तरह व्यवहार करते हैं। यह फिल्म बहुत ही भावनात्मक फिल्म है।
27. खाकी (2004)
इस फिल्म में डीसीपी अनंत श्रीवास्तव (अमिताभ बच्चन) इमानदार पुलिस का किरदार निभाता हैं, उन्हें एक आतंकवादी को मारने का मिशन दिया जाता है।
28. ब्लैक (2005)
इस फिल्म में रानी मुखर्जी ने एक बहरी और अंधी लडकी का किरदार निभाया है और अमिताभ बच्चन ने उसके अध्यापक का किरदार निभाया है।
29. सरकार (2005)
यह फिल्म एक राजनीति पर आधारित है, इसमें अमिताभ बच्चन ने एक नेता का किरदार निभाया है। जो मुंबई में दो सरकारें चलाता है।
30. सरकार राज (2008)
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने बहुत महत्वपूर्ण किरदार निभाया है। यह फिल्म अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म सरकार का सीक्वल है। इस फिल्म में अनीता राजन जो एक शेफर्ड अन्तराष्ट्रीय कंपनी की सी.ई.ओ होती है।
जिनको देखे बिना यदि आप अमिताभ बच्चन का फैन होने का दावा करते हैं तो यकीन करें कि आप टाइमपास फैन ही हैं।

1. आनंद (1971)
यह फिल्म एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की कहानी पर आधारित है जो अपने मरने से पहले पूरी जिन्दादिली से अपनी जिंदगी को जीना चाहता है और जीता भी है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने डॉक्टर का और राजेश खन्ना ने मरीज का मुख्य किरदार बहुत सजींदगी से निभाया है। 'बाबू मोशाय' इस फिल्म का एक मशहूर डायलॉग था। फिल्म में अभिनय के साथ-2 संगीत भी बेहद उम्दा है। जीवन में एक बार देखने योग्य फिल्म है।
2. ज़ंजीर (1973)
यह फिल्म अमिताभ बच्चन के अभिनय जीवन ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म के साथ ही बिग-बी के संघर्ष का दौर का अंत हुआ और हिंदी सिनेमा को एक नया उभरता स्टार मिल गया। भारत में भ्रष्ट सिस्टम से त्रस्त आम आदमी की खीज उसके लड़ने के ज़ज्बे को दिखाने वाली यह संभवत: पहली फिल्म थी। फिल्म में विजय खन्ना (AB) के बचपन में उसके माता-पिता का खून हो जाता है। कातिल के हाथ में लटकी जंजीर उसके जहन में बुरे सपने की तरह बस जाती है। अपनी पुलिस की नौकरी के दौरान उसे अपने परिवार के कातिल का सुराग मिल जाता है और तमाम परेशानियों को झेलकर वह उसे उसके अंजाम तक पहुंचा कर दम लेता है। इसमें उसका पहले विरोधी लेकिन बाद में मित्र शेर-खान (प्राण) उसकी बहुत सहायता करता है।
3. अभिमान (1973)
अभिमान (English: Pride) 1973 में बनी एक म्यूजिक-ड्रामा फिल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन और उनकी रियल लाइफ पत्नी जया-भादुरी (बच्चन) मुख्य किरदार में थे। यह फिल्म अपने मधुर संगीत कम्पोजीशन के लिए ज्यादा जानी जाती है जिसके संगीतकार महान एसडी बर्मन थे और गीतकार बेजोड़ मजरूह सुल्तानपुरी साहब थे। मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर और किशोर कुमार गायक थे। जया भादुड़ी को इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला था। माना जाता है कि यह फिल्म किशोर कुमार और उनकी पत्नी रुमा घोष की असल जिन्दगी पर आधारित थी। फिल्म एक सिंगर कपल पर बनी थी। सुबीर का करियर उतार पर है जबकि उसकी नई दुल्हन उमा एक उभरती गायिका है। समय के साथ उमा सुबीर से अधिक मशहूर हो जाती है और सुबीर इर्ष्या में अपने दाम्पत्य जीवन में तनाव का कारण बन जाता है, और वे अलग हो जाते है। अति-तनाव में उमा का गर्भपात हो जाता है और वे अपने रास्ते चल पड़ते हैं, लेकिन अंतत कुछ मददगार लोगों के प्रयास से वे फिर से एक हो जाते हैं और साथ में स्टेज पर आते हैं। इस फिल्म का संगीत बहुत शानदार बना है और अभी भी बहुत पसंद किया जाता है।
4. नमक हराम (1973)
यह फिल्म सोमू (राजेश खन्ना) और विक्की (अमिताभ) नाम के दो दोस्तों के बीच के रिश्ते पर आधारित है। सोमू गरीब मजदूर है जबकि विक्की धनवान सेठ का बेटा है। विक्की अपने दोस्त की नया यूनियन लीडर बनने में मदद करता है लेकिन बाद में इन दोनों के बीच तनाव आ जाता है क्योंकि सोमू मजदूरों की स्थिति को लेकर स्टैंड ले लेता है। अमीर और गरीब दोस्तों के बीच व्यापारिक विरोध के कारण उपजे संघर्ष को इस फिल्म में खूबसूरती से दिखाया गया है। नमक हराम अपने समय की बेहद हिट फिल्म थी।
5. दीवार (1975)
दीवार फिल्म अमिताभ बच्चन द्वारा अभिनीत बेहद सफल और देखने योग्य फिल्म है। यह अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग-मैन किरदार को स्थापित करने वाली फिल्म थी। यह फिल्म ईमानदारी के लिए अपना सब-कुछ दाव पर लगाने वाले एक यूनियन प्रधान (सत्येन कप्पू) के परिवार में उसकी पत्नी (निरूपा रॉय), बड़ा बेटा विजय (अमिताभ बच्चन) और छोटे बेटे (शशि कपूर) के जीवन की त्रासदी पर आधारित है। विजय के हाथ पर 'मेरा बाप चोर है' का टैटू उसकी जिन्दगी बदल देता है और वह अंडरवर्ल्ड डॉन बन जाता है। वही दूसरी और छोटा भाई पुलिस इंस्पेक्टर बन जाता है। फिल्म के अंत में दोनों में मां को अपने साथ रखने के लिए तकरार होती है, और माँ ईमानदारी से कमाने वाले छोटे बेटे का साथ देती है। मशहूर डायलॉग, 'मैं आज भी फैंके हुए पैसे नहीं उठाता' और 'मेरे पास माँ है' हैं जिस पर आज भी कमर्शियल एडस बनती हैं। 'इंडियाटाइम्स' की टॉप 25 'Must See' लिस्ट में यह फिल्म शामिल है।
6. शोले (1975)
कुख्यात और क्रूर डाकू गब्बर सिंह (अमजद खान) द्वारा अपने पूरे परिवार की हत्या किये जाने के बाद भूतपूर्व पुलिस अधिकारी बलदेव सिंह ठाकुर उर्फ़ ठाकुर (संजीव कुमार), जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू(धर्मेन्द्र) नाम के बदमाशों को गब्बर सिंह को जिंदा पकड़ने के लिए नियुक्त करता है। अपने समय की सबसे बेहतरीन फिल्मों से एक यह फिल्म मुंबई के मिनर्वा थिएटर में लगातार 5 साल चलती रही। शोले फिल्म में गब्बर का मशहूर डायलॉग, 'कितने आदमी थे' आज भी लोगों के बीच चलन में है, जिससे इस फिल्म के लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस फिल्म में असरानी (जेलर), जगदीप (सूरमा भोपाली) और बसंती (हेमामालिनी) की कॉमेडी बहुत ही मजेदार और देखने योग्य है। जिसने शोले फिल्म नहीं देखी उसने कुछ नहीं देखा।
7. चुपके चुपके (1975)
यह फिल्म एक हास्य पारिवारिक फिल्म है जिसमें अमिताभ बच्चन ने प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी का किरदार निभाया है। शर्मीला टैगोर, ओम प्रकाश इस फिल्म के अन्य कलाकार हैं। प्रेम, रोमांस, आपसी मनमुटाव, रिश्तों की नजाकत और गर्माहट आदि को बहुत ही खूबसूरत तरीके से इस फिल्म में दर्शाया गया है। हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित यह फिल्म बंगाली उपन्यास पर आधारित है।
8. अमर अकबर एंथोनी (1977)
इस फिल्म में बहुत समय से बिछड़े हुए तीन भाई आपस में मिलते हैं। इनमें से एक भाई हिन्दू होता है, एक इसाई और एक मुस्लिम होता है। यह फिल्म बहुत रोमांच से भरी हुई है।
9. खून पसीना (1977)
यह फिल्म जुर्म की दुनिया पर आधारित है। इस फिल्म में शिवा (अमिताभ बच्चन) जो अपने आस पड़ोस में जुर्म करता है और उसकी मां उसकी शादी कराने के लिए उसको मनाती है।
10. परवरिश (1977)
परवरिश एक क्राइम आधारित ड्रामा फिल्म है यह फिल्म वर्ष 1977 में चौथी सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म बनी थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना दो भाई होते हैं। जो अपने किरदार से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं।
11. डॉन (1978)
डॉन, एक मोस्ट वांटेड अपराधी होता है जो पुलिस से लड़ाई के दौरान मारा जाता है। डीएसपी डिसेल्वा ही जानता होता है कि डॉन मरा नहीं है। डिसिल्वा डॉन के हमशकल विजय को अंडरवर्ल्ड में भेजता है ताकि वह अन्य अपराधियों के बारे में सारी जानकारी हासिल करके उनका समूल नाश कर सके। इस बीच डिसिल्वा मारा जाता है और विजय मुसीबत में आ जाता है क्योंकि अपराधी जान चुके होते हैं कि वह असली डॉन नहीं है जबकि पुलिस सोचती है कि वही डॉन है। विजय के सामने एक ही रास्ता है, और वह है एक डायरी सभी अपराधियों की लिस्ट है। इस सुपरहिट फिल्म पर शाहरुख़ खान को लेकर दो रीमेक बन चुके है जोकि सुपरहिट रहे हैं।
12. मुक़द्दर का सिकंदर (1978)
'मुकद्दर का सिकंदर' फिल्म एक अनाथ लड़के पर बनी है. वह शिमला में अपनी मालिक की बेटी से प्यार करता है। उस पर चोर होने का इल्जाम लग जाता है और उसकी दोस्त भी उसे चोर समझती है। तमाम मुसीबतों को झेलता हुआ सिकंदर अंत में अपनी बेगुनाही साबित करने में कामयाब हो जाता है। इस फिल्म का संगीत बहुत ही खूबसूरत है। अमजद खान, रेखा और विनोद खन्ना के साथ राखी इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। अमिताभ बच्चन के कैरियर की यह एक बहुत अच्छी देखने योग्य फिल्म है।
13. काला पत्थर (1979)
इस फिल्म में एक इमानदार पुलिस पिता अपने बच्चे का अपहरण करने वालों की कोई डिमांड नहीं मानता। इस फिल्म के बाद अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के महानायक बन गए थे।
14. सुहाग (1979)
सुहाग फिल्म गैंगस्टर पर आधारित है। इस फिल्म में शशि कपूर और अमिताभ बच्चन दो भाई होते हैं। शशि कपूर पुलिस का किरदार निभाता है और दूसरी तरफ अमिताभ बच्चन जुर्म की दुनिया को चलता है।
15. दोस्ताना (1980)
यह फिल्म एक्शन और ड्रामे पर बनी फिल्म है। यह फिल्म 1980 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फिल्म थी। इस फिल्म में विजय और रवि दो दोस्त होते हैं जो एक दुसरे के काम में दखल नहीं देते।
16. याराना (1981)
यह फिल्म एक एक्शन ड्रामा फिल्म है। जिसमें किशन और बिशन दो दोस्त होते हैं। इनमें से किशन अनाथ होता है जबकि बिशन अच्छे खानदान से होता है। दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती होती है।
17. लावारिस (1981)
इस फिल्म में एक लड़के को जन्म से त्याग दिया जाता है। फिर बाद में उसको एक शराबी द्वारा पाला जाता है। जो उस त्याग किए बच्चे का नाम एक कुत्ते के नाम पर रखता है।
18. सिलसिला (1981)
यह फिल्म बिछड़े हुए प्यार और फिर उस प्यार को द्वारा मिलने की कहानी पर आधारित है। लेकिन सोसाइटी को यह मंजूर नहीं होता। यह फिल्म अडल्टरी पर आधारित है।
19. कालिया (1981)
कालिया एक एक्शन फिल्म थी यह फिल्म एक कालिया नाम के लड़के पर आधारित है जिसके बड़े भाई का एक्सीडेंट में हाथ कट जाता है।
20. सत्ते पे सत्ता (1982)
अपने माता पिता के मरने के बाद, रवि जो सात भाईयों में सबसे बड़ा होता है। अपने सातों भाइयों का अभिभावक बन जाता है. यह फिल्म हास्य से भरपूर है।
21. नमक हलाल (1982)
इस फिल्म में अर्जुन(अमिताभ बच्चन) को उसका दादा (ओम प्रकाश) पालता-पोसता है। उसके दादा अर्जुन के लिए शहर जाते हैं और उसके लिए पुराने मालिक के होटल में नौकरी पर लगवाते हैं। होटल के मालिक के बेटे (शशि कपूर) पर दुश्मनों की नज़र है और वे उसे मार कर होटल अपने नाम करवाना चाहते है। अर्जुन को पता चलता है कि होटल की मालकिन (वहीदा रहमान) दरअसल उसकी मां है। रोमांचक घटनाओं और हास्य से भरपूर बहुत ही उम्दा फिल्म है नमक हलाल। 'पग घुंगरू बाँध कर मीरा नाची थी', 'आज रपट जाए तो' आदि बहुत ही उम्दा गीत-संगीत से भरे गाने है।
22. शराबी (1984)
बचपन में माँ के आँचल से रहित अमिताभ बच्चन का किरदार विक्की कपूर अपने पिता करोड़पति पिता के प्यार को तरसता हुआ जवानी में शराब का सहारे अपने जीवन को चलाने लगता है। बिज़नसमैन बाप (प्राण) उसे मुंशी (ओम प्रकाश) के सहारे छोड़कर अपनी बिज़नस की दुनिया में व्यस्त रहता है और पैसे को सबकुछ समझता है। विक्की को एक गरीब नाचने वाली (जयाप्रदा) से प्यार हो जाता है जो उसके बाप को नागवार गुजरता है और उसे घर से निकाल देता है। विक्की खुशी-खुशी घर छोड़ देता है लेकिन रोजी रोटी कमाने के लिए उसे संघर्ष करना पड़ता है लेकिन वह हिम्मत नहीं हारता। बेजोड़ अभिनय और अंग्रेजी फिल्म पर आधारित रोमांचक पटकथा पर बनी इस फिल्म ने प्लैटिनम जुबली मनाई थी।
23. मर्द (1985)
मर्द 1985 में बनी एक एक्शन फिल्म थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और अमृता सिंह ने अपना मुख्य किरदार निभाया था। यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म थी।
24. अग्निपथ (1990)
इस फिल्म में एक छोटा लड़का अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए धीरे-धीरे बदमाश बनता जाता है ताकि वह अपने पिता के हत्यारे तक पहुंच सके।
25. आंखें (2002)
इस फिल्म में विजय सिंह राजपूत बैंक का एक विचित्र मेनेजर होता है। जो अपने ही बैंक में अंधों से चोरी कराता है। यह फिल्म बहुत ही रोमांच और हास्य से भरपूर है।
26. बागवान (2003)
इस फिल्म में बूढे दम्पति अपने बच्चों से प्रेम और सहानुभूति की आशा करते हैं, लेकिन उनके बच्चे उनसे बोझ की तरह व्यवहार करते हैं। यह फिल्म बहुत ही भावनात्मक फिल्म है।
27. खाकी (2004)
इस फिल्म में डीसीपी अनंत श्रीवास्तव (अमिताभ बच्चन) इमानदार पुलिस का किरदार निभाता हैं, उन्हें एक आतंकवादी को मारने का मिशन दिया जाता है।
28. ब्लैक (2005)
इस फिल्म में रानी मुखर्जी ने एक बहरी और अंधी लडकी का किरदार निभाया है और अमिताभ बच्चन ने उसके अध्यापक का किरदार निभाया है।
29. सरकार (2005)
यह फिल्म एक राजनीति पर आधारित है, इसमें अमिताभ बच्चन ने एक नेता का किरदार निभाया है। जो मुंबई में दो सरकारें चलाता है।
30. सरकार राज (2008)
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने बहुत महत्वपूर्ण किरदार निभाया है। यह फिल्म अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म सरकार का सीक्वल है। इस फिल्म में अनीता राजन जो एक शेफर्ड अन्तराष्ट्रीय कंपनी की सी.ई.ओ होती है।